मुस्कुराना सीख ले ।

चार दिन की ज़िन्दगी में मुस्कुराना सीख ले,
ग़म के सागर से निकल और तैरना सीख ले ।
ज़िन्दगी के खेल के परिणाम चाहे जो सही,
तू हार कर भी जीत की खुशियां मनाना सीख ले ।
खुश तू रहे, खुश सब रहे, वादी सदा हंसती रहे
मुस्कुराने का कोई अब तोह बहाना सीख ले ।
मुश्किलें आती हैं, आती है तो जाती भी हैं।
इन आती जाती मुश्किलों को आज़माना सीख ले ।
कश्मकश की भंवर में गोते लगाने से भला
संघर्ष के समुन्दर में तू डूब जाना सीख ले ।
जीवन के फल को चख ज़रा, मीठा ही है मीठा ही थे ।
ग़म कड़वे होकर मीठे हैं, यह स्वाद पाना सीख ले।
तू मुस्कुराना सीख ले, हंसना हँसाना सीख ले ।
Deep Thinker. Philosopher. Author. Theatre Artist
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